यहाँ से अक्सर हम घर जाया ना करते
अपने ख्वाबो के आगे
यूही ये वक़्त जाया न करते !
कई रस्ते गुज़रते हे यहाँ हमारे सपनो की ओर
यूही थोड़ी अपनों से दूर हम जाया ना करते !
ख्वाइशे थम जाया करती हे इन शहरों के अंधेरो में
कई वक़्त गुज़र जाया करता हे इन शहरों की बातो में !
हमसे बेवजह बसेरा होता नहीं हे अब यहाँ
पर अपनों से दूर होना का गम अब हम जताया नहीं करते !
कई घर बन जाया करते हे इन बंजर ज़मीनो पर यहाँ
पर वो अपनेपन का एहसास अब दिलाया नहीं करते !
अपने से दीखते हे कई लोग यहाँ सिफर पर
अब कई शामे हमारे साथ वह गुज़ारा नहीं करते !
-khushi pancholi