कभी बहन , कभी पत्नी
कभी माँ मन कर बलिहारी हूँ
तो कभी बेई बनकर,
महकाती दुनिया साड़ी हूँ।
सही पहचाना तुमने
है , मेँ नारी हूँ।।
मदमस्त होकर पुरुषो ने
किया था जिसका चीयर हरण।
अभियान मेँ चूर होकर
रावण ने भी किया था हरण।
वही द्रोपदी मेँ ,
मेँ वही सीता जनक दुलारी हूँ ,,
हा मेँ नारी हूँ।।
लक्ष्मी बाई जैसी वीर
अंग्रेज़ो के विरुद्ध ,
जिसने उठाई थी शमशीर।
मेँ ही शारदा, वही जगदम्ब
मेँ भवानी, सिहं असवारी हूँ।
है, मेँ नारी हूँ।
मेँ नारी हू।।
~akkii