बारिश आई हे आज मेरे आँगन में
एक माध्यम भीनी खुशबू लेकर
दुआ मेरे कबूल हुई वो तुम्हे लेकर आई हे
ये बारिश ह… तुम्हारी अनकही बाते मुझे सुनाने आई हे।।
बारिश का ये मौसम मुझे तेरी याद दिलाता हे तू कितना हसीन हे
मुझे मालुम करने आई है।
बारिश की बूँद का ज़मीन को छूना, मुझे तेरा छोङा याद दिलाता हे एक दूजे के लिए हम बने ये बारिश हे… मुज पर ये भाव जतनी आई हे।
कुछ बाते कहती हे मुझसे इसमें छुपे अपने प्यार की निशानी दिखाने आई हे।
तेरे भोलेपन का जितना दीवाना उतनी तू मेरी आवारगी की दीवानी है
ये बारिश ह…अपनी प्यार की आवारगी मुझे दिखने आई है।।
बूँद जो तेरे सर की बिंदी को छू कर गुज़री थी उसे ये हवा मुज तक ले आई है।।
तेरे पायल की छान छान की आवाज़ अपने साथ लाइ है
ये बारिश है .. तेरे आने का ख्वाब मुज तक लाई है।।
तेरी भीगी ज़ुल्फो को तेरे चेहरे से हटा लेना मेरे बस तुजे देखते रहना सब याद करने आई है ये बारिश है.. मुझे ेरी बाते बताने आई है।।
~The Wind Blow
पुरुषोत्तम मेँ , मर्यादा रख राम बन जाऊ तो..
सीता मेरी तुम बन जाना
कभी शिवा बन तांडव करू तो…
पार्वती बन तुम मुझे संभल लेना।
कृष्णा सा प्रेम करता हूँ…
राधा बन साथ मेरे हो जाना
कभी भक्त बन जाऊ त…
भकती मेरी तुम बन मुझे समझ लेना
कुछ ऐसा हाट थाम लेना
इंसान हो जाऊ तो… आद्यांगी मेरी बन जाना
बस इतनी ही हे ख्वाईश…
सातो जन्म तुम मेरे लिए…ले आना।
~The Wind Blow